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धमकी के कारण किया गया अपराध कब क्षमा योग्य होता है जानिए…/IPC

हमने आपको पिछले लेख में बताया था कि भय, धमकी, डर ये तीनों अगर लोगों के मन में आ जाए तो व्यक्ति ऐसा कार्य भी कर देता है जो उसे नहीं करना चाहिए। लेकिन इनके कारण किया गया अपराध क्षमा योग्य भी हो सकता है बशर्ते यह है कि धमकी तुरंत देकर कोई आपराधिक कार्य करवाया गया हो धमकी, देने वाले व्यक्ति ने अपराध करने वाले व्यक्ति को मृत्यु या हत्या करने की धमकी दी गई हो और व्यक्ति के पास इतना भी समय न हो कि वह इस अपराध के बारे में पुलिस को सूचित कर दे तब उसके द्वारा किया गया अपराध क्षमा योग्य होगा लेकिन अपराध मृत्युदण्ड की कोटि में नही आना चाहिए अर्थात धमकी के द्वारा किसी की हत्या कर दी जाए तब वह अपराध क्षमा योग्य नहीं होगा जानिए।

★भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 94 की परिभाषा:-★

किसी अन्य व्यक्ति द्वारा किसी निर्दोष व्यक्ति को  तुरंत धमकी देकर उसकी इच्छा के विरुद्ध कोई अपराध करवाया जाता है तब ऐसे निर्दोष व्यक्ति द्वारा किया गया अपराध धारा 94 के अंतर्गत क्षमा योग्य होगा।नोट:- निर्दोष व्यक्ति धमकी के कारण स्वंय को बचाने के लिए किसी अन्य व्यक्ति की हत्या कर देता है तब उसे धारा 94 के अंतर्गत संरक्षण प्राप्त नहीं होगा। 
उधारानुसार से समझते हैं:- अगर चोर किसी लुहार से मकान का ताला तोड़ने की बोले और वह लुहार ताला तोड़ने के लिए मना करता है और चोर लुहार की धमकी देते हैं कि वह ऐसा नहीं करेगा तो उसे जान से मार दिया जाएगा तब लुहार द्वारा मकान का ताला तोड़ना कोई अपराध नहीं होगा।

:- लेखक बी.आर. अहिरवार(पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665

एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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